Ravindra kelekar biography hindi
रवीन्द्र केलकर
रवीन्द्र केलकर (7 मार्च – 27 अगस्त ) कोंकणी साहित्य के सबसे मजबूत स्तंभ थे। 85 वर्षीय इस महान हस्ती को वर्ष का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया। उनकी प्रमुख रचनाओं में आमची भास कोंकणीच, 'बहुभाषिक भारतान्त भाषान्चे समाजशास्त्र' शामिल हैं।[4]
रवीन्द्र केलकर का जन्म ७ मार्च १९२५ में दक्षिण गोवा के कोकुलिम क्षेत्र में हुआ। कोंकणी, हिन्दी और मराठी में उनकी 32 से अधिक मौलिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। वह स्वतंत्रता संग्राम और गोवा के मुक्ति संग्राम से जुड़े रहे। वह आधुनिक कोंकणी आंदोलन के प्रणेता थे और कोंकणी भाषा मंडल की स्थापना में उनकी अहम भूमिका रही। केलकर को ज्ञानपीठ पुरस्कार के अलावा में साहित्य अकादमी पुरस्कार, में पद्मभूषण प्रदान किया गया था और में उन्हें साहित्य अकादमी का फैलो चुना गया था।
साहित्य सूची
[संपादित करें]हिमालयांत नामक उनके यात्रा–वृत्तांत को सबसे पहले सन् १९७६ में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार (कोंकणी) मिला।[5]
- कोंकणी
- हिमालयांत (१९७६)
- नवी शाळा
- सत्याग्रह
- मंगल प्रभात
- महात्मा
- आशे आशिल्ले गांधीजी
- कथा आनि कान्यो
- तुळशी
- वेळेवाईल्लो गुलो
- भज ग़ोविन्दम
- ऊजवडेचे सूर
- भाषेचे समाज शास्त्र
- मुक्ति
- तीन एके तीन
- लाला बाला
- ब्रह्माण्डातले तांडव
- पान्थस्थ
- समिधा
- वोथम्बे
- सर्जकाची अंतर कथा
- महाभारत (भाषांतर)
- मराठी
- जपान जसा दिसला
- गांधीजींच्या सहवासात
- हिन्दी
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑
- ↑%#KONKANI. अभिगमन तिथि 28 फ़रवरी
- ↑
- ↑"संग्रहीत प्रति". मूल से 10 अगस्त को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 दिसंबर
- ↑"अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर